Impact Factor: 8 ISSN 2231-1351
विशेषांक
SPECIAL-ISSUE
PADCHINHA: A Multidisciplinary Peer-Reviewed & Refereed Journal
PADCHINHA: A Multidisciplinary Peer-Reviewed & Refereed Journal
भारतीय समाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एवं
महात्मा गांधी अनतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी (24-25 फरवरी 2025) में आये शोध पत्रों का प्रकाशन
पदचिन्ह पत्रिका में हुआ, जिसे समापन सत्र में लोकार्पण किया गया।
महात्मा गांधी अनतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी (2-3 अक्टूबर 2024) में आये शोध पत्रों का प्रकाशन
पदचिन्ह पत्रिका में हुआ, जिसका लोकार्पण उद्घाटन सत्र में किया गया।
पदचिन्ह (फरवरी 2025)
वर्ष (Vol.)- 14 अंक (Issue) - 2
अनुक्रम
संपादकीय
डॉ. राकेश कुमार मिश्र
1. Lines in motion: The convergence of art, literature, and cinema in Indian culture
Mrunal V. Joharapurkar, Dr. Shashikant Rewade – 07–15
2. Cinema and advertising: A festive…
Deepali M. Limbekar, Dr. Kishor D. Ingale – 16–24
3. मृच्छकटिकम् पर आधारित फिल्म 'उत्सव' में व्यक्त समाज
डॉ. विधु खरे दास – 25–28
4. सिनेमा पोस्टर डिज़ाइन में लिथोग्राफी, स्क्रीन प्रिंटिंग, ऑफ़सेट तकनीक का फिल्म उद्योग में योगदान
चंद्रशेखर वसंतराव वाघमारे, डॉ. शशिकांत रेवडे – 29–37
5. सिनेमा में महात्मा गांधी की उपस्थिति
शिखा सिंह – 38–44
6. सिनेमा और आदिवासी विमर्श
ज्ञानेश्वर रामकिसन हालसे, प्रो. डॉ. विजय गणेशराव वाघ – 45–49
7. सिनेमा और राष्ट्रवाद : एक विश्लेषण
डॉ. वळेकर गहिनीनाथ नारायण – 50–52
8. हिन्दी सिनेमा की पहुँच के दायरे में उभयलिंगी समुदाय
मिन्नी गुप्ता – 53–59
9. अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद : सिनेमा, साहित्य और मीडिया विमर्श
राम कुमार सिंह – 60–66
10. सिनेमा (प्रलेखात्मक फिल्म) और आदिवासी कला
अभिषेक चौरसिया, डॉ. किशोर इंगले – 67–71
11. साहित्यिक कृतियों का सिनेमाई रूपांतरण में वर्तमान समाज की भूमिका
कान्ता रॉय – 72–79
12. ईरान से हिंदुस्तान तक की सिनेमा में गांधी
विशाल कुमार – 80–84
13. गीतिनाट्य एवं रंगमंचीय तत्वों का विश्लेषण : ‘अंधा युग’ के विशेष संदर्भ में
शाश्वती खुंटिआ – 85–91
14. वैश्विक स्तर पर सॉफ्ट पावर कूटनीति के रूप में भारतीय सिनेमा का बढ़ता प्रभाव
अदिति सिंह – 92–98
15.भारतीय सिनेमा और साहित्य में पर्यावरण चेतना
कुसुम डूंगरवाल – 99–104
16. भारतीय सिनेमा में स्त्री अस्मिता का विश्लेषण
मंजुल कुमार सिंह – 105–112
17. यात्रा आधारित हिंदी सिनेमा और घुमक्कड़शास्त्र
ध्रुव कुमार – 113–117
18. समसामयिक घटनाएं और हिंदी सिनेमा
मिथुन नोनिया – 118–123
19. सिनेमा, साहित्य और समाज में हिंदी ग़ज़ल का प्रभाव
चित्रांश खरे – 124–130
20. हिंदी सिनेमा और विकलांगता
रोजी दण्डसेना – 131–136
21. ‘तिरिया चरित्तर’ कहानी और फ़िल्म : स्त्री विमर्श के परिप्रेक्ष्य में एक विवेचन
राणाप्रताप राय – 137–142
22. पोथेर पांचाली का सामाजिक एवं साहित्यिक अध्ययन
आदित्य तिवारी – 143–146
23. सिनेमा में स्त्री विमर्श
कुमारी श्वेता – 147–153
24. हिंदी साहित्य का सिनेमाई रूपांतरण : एक नई पहचान
प्रांजल बरनवाल, अजीत कुमार गौतम – 154–160
25. सिनेमा, साहित्य और रंगमंच
गुलफ़िशा – 161–163
26. Beyond the walls: Graffiti as a narrative tool in Indian social
Dr. Kishor D. Ingale – 164–168
27. OTT’s cinema and social landscape
Manish Tiwary – 169–174
28. Notes for Authors
भारतीय समाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एवं
महात्मा गांधी अनतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी (24-25 फरवरी 2025) में आये शोध पत्रों का प्रकाशन
पदचिन्ह पत्रिका में हुआ, जिसे समापन सत्र में लोकार्पण किया गया।
पदचिन्ह (अक्टूबर 2024)
वर्ष (Vol.)- 13 अंक (Issue) - 5
अनुक्रम
संगोष्ठी के बारे में
डॉ. राकेश कुमार मिश्र
खंड अ
1. गांधी हिंदी में हिंदुस्तान का लोक देख रहे थे
डॉ. डी. एन. प्रसाद – 07–10
2. Mahatma Gandhi’s vision of women
Shikha Singh – 11–16
3. अस्पृश्यता निवारण में महात्मा गांधी की भूमिका
शरद एम. चव्हाण – 17–20
4. महात्मा गांधी और स्त्रियों का उत्थान
डॉ. निता मेश्राम – 21–23
5. अपराधी महिलाओं की समाचारों में तहकीकात
संजीव खुदशाह – 24–28
6. समाज में पर्यावरणीय नैतिकता की अवधारणा : महात्मा गाँधी का दृष्टिकोण
कौशल किशोर – 29–33
7. रचनात्मक कार्यक्रमों में आरोग्य के नियम
डॉ. अर्चना शर्मा – 34–37
8. महात्मा गांधी का रचनात्मक कार्यक्रम विकसित भारत की प्रयोगशाला
डॉ. रणंजय कुमार सिंह – 38–43
9. गाँव की स्वच्छता पर गांधीजी के विचार : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
कोमल सिन्हा – 44–48
10. महात्मा गांधी की स्वदेशी और स्वराज की अवधारणा
डॉ. चन्दन कुमार – 49–51
11. स्त्रियों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान में स्वयं-सहायता समूहों की भूमिका
आम्रपाली – 52–57
12. भारत में आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य मुद्दों पर गांधीवादी विचार : मेलघाट में कुपोषण…
नीता उघड़े – 58–62
13. सूर्यबाला की कहानियों में व्यक्त नारी जीवन की विविध स्थितियाँ
डॉ. कैप्टन बाबासाहेब माने – 63–71
14. गाँधी के परिप्रेक्ष्य में भारतीय युवा और शराबबंदी
डॉ. ऋषिकेश बहादुर – 72–79
15. सेवाग्राम आश्रम के पर्यटन एवं रचनात्मक कार्यक्रमों के प्रबंधन का विश्लेषणात्मक अध्ययन
अश्वनी कुमार मौर्य – 80–83
16. गांधी जी की ग्राम स्वराज की अवधारणा एवं प्रासंगिकता
सत्यम उपाध्याय – 84–90
17. राष्ट्र की अवधारणा और हिंदी भाषा का स्वरूप
सोनिया – 91–97
18. गाँधी के दर्शन में बुनियादी शिक्षा
रवि रंजन कुमार – 98–101
19. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं में गांधी
अविरल पटेल – 102–111
20. महात्मा गांधी के बुनियादी शिक्षा सिद्धांतों का व्यावहारिक कार्यान्वयन : चुनौतियाँ और अवसर
उत्तम आनंदराव केते – 112–115
21. The Psychological Impact of Mindfulness and Meditation in Education: A Gandhian Perspective
Nilesh Praful Khairnar – 116–123
22. राजस्थान के आदिवासियों पर केन्द्रित उपन्यासों में रचनात्मक कार्यक्रम
(विशेष संदर्भ : घूणी तपे तीर)
मंजू कँवर, डॉ. आशीष पाण्डेय – 124–128
खंड ब
नई तालीम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020
डॉ. श्रीनिकेत कुमार मिश्र - 129-135
गांधी का धर्मांतरण संबंधी दृष्टिकोण एवं वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता
रत्ना सिंह _दिव्या सिंह 136-143
21 वीं सदी में महात्मा गांधी की आरोग्य शिक्षा के मायने
_नैना प्रसाद - 144-146
महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम में जमनालाल बजाज की भूमिका
_सुमन्त कुमार मिश्रा 147-150
गांधी और नारी सशक्तिकरण
_सोनिया 151-154
Gandhi’s Vision of Community Development
_Dr. Ashutosh Pandey 155-162
सर्वोदय से अंत्योदय : भारतीयता का स्वावलंबन
_अंकित सिंह - 163-166
हिन्दी कहानियों में किसानों के प्रति गांधीजी के विचारों का अभ्यास _सिमरन कोठारी - 167-175
राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी की भूमिका : अतीत, वर्तमान और भविष्य _रत्नेश कुमार तिवारी - 176-179
राष्ट्रभाषा के विकास में हिंदी अनुवाद की भूमिका
_नेहा कौशिक - 180-183
महात्मा गाँधी का शैक्षणिक चिंतन
_प्रविण दामोधरराव कोल्हे - 184-189
आदिवासी समाज : अनुज लुगुन की कविताओं में
_सुरभि गुंजन - 190-193
Economic inequality with reference to Gandhian principles
_Kanaiyalal Laghubhai Shah - 194-200
कुष्ठ सेवा की प्रथम संस्थागत पहल और मनोहर धाम
_डॉ. प्रिंस कुमार सिंह
201-203
आत्मनिर्भर ग्राम की संकल्पना में गांधीवादी मूल्यों का समावेश _अभिषेक द्विवेदी
204-211
जम्मू-कश्मीर के प्रांतीय भाषाओं में पत्रकारिता : चुनौतियाँ और संभावनाएँ
_राम कुमार सिंह _डॉ. गीता साहू 212-218
Gandhi on Celluloid Exploring the Intersection of Mahatma Gandhi and Cinema
_Meenu Tripathi - 219-227
प्राथमिक शिक्षा में नई तालीम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति
_अपर्णा सिंह _डॉ. पंकज कुमार सिंह _प्रशांत कुमार सिंह - 228-232
NOTES FOR AUTHORS
महात्मा गांधी अनतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी (2-3 अक्टूबर 2024) में आये शोध पत्रों का प्रकाशन
पदचिन्ह पत्रिका में हुआ, जिसका लोकार्पण उद्घाटन सत्र में किया गया।
पदचिन्ह (जुलाई 2024)
वर्ष (Vol.)- 13 अंक (Issue) - 2
अनुक्रम
खंड अ
संगोष्ठी के बारे में – डॉ. महादेवी कणवी …… 01–02
About the Seminar: Contemporary Indian Literature: The Need of the Hour – Dr. Smt. Sandhya Kulkarni …… 03–04
समकालीन हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियाँ एवं भाषा का महत्व
मनीषा यादव, डॉ. एच. ए. हुनगुंद …… 09–19
समकालीन हिन्दी नाटक ‘अन्धा युग’ में आधुनिक युगबोध
डॉ. जावेद साब मनियार …… 20–23
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में स्त्री विमर्श
डॉ. सुलोचना एस. सुखसारे …… 24–26
‘नई सभ्यता नये नमुने’ नाटक में समकालीन बोध
प्रमोद शिंगे …… 27–29
राजेन्द्र यादव का उपन्यास सारा आकाश में स्त्री संवेदना
डॉ. शबाना मनियार …… 30–33
धरती आबा: आदिवासियों की संघर्ष गाथा
श्री सुनील बी. टेट …… 34–35
‘काली बर्फ़’ नाटक का विवेचन
डॉ. सुजाता एन. मगदुम …… 36–38
Reflection of Women's Oppression in Arundhati Roy’s The God of Small Things
Dr. Swapna K. Jadhav …… 39–46
Influence of Cultural and Social Issues in Contemporary Indian English Literature
Prof. Smt. Nayana S. …… 47–51
Women Literature Beyond the Canon with Special Reference…
Dr. Manjula P. Kanavi …… 52–56
हिंदी भाषा एवं साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन की अवधारणा
डॉ. एच. ए. हुनगुंद …… 57–59
भाषा और समाज का अंतःसंबंध
डॉ. आम्रपाल शेन्द्रे …… 60–62
गिरीश कार्नाड के ‘हयवदन’ में चित्रित आधुनिकता का बोध
डॉ. नीलांबिके पाटिल …… 63–65
नरेंद्र कोहली के महासमर उपन्यास में बेरोज़गारी समस्या
प्रो. विट्टलगौडा खानगौडर …… 66–67
शरणकुमार लिंबाले की अक्करमाशी में यातना की यात्रा
डॉ. महांतेश राअंची …… 68–69
समकालीन हिंदी कविताओं में संवेदना और सामाजिक सरोकार
पंकज कुमार टेंभरे …… 70–78
समकालीन हिंदी साहित्य में ‘आधुनिक राम’
श्रीमती शिल्पा टी. …… 79–84
ಬಸವರಾಜ ಕಟ್ಟಿಮನಿ: ಹೋರಾಟದ ನೆಲೆಯಾಗಿ ‘ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯದೆಡೆಗೆ’ ಕಾದಂಬರಿ
ಡಾ. ಸಿ. ಎಂ. ತಳವಾರ …… 85–87
ಮನುಜ ಮತಕ್ಕೆ ಯೋಗ ಪಥ – ವಿಶ್ವಶಾಂತಿಗೆ ಪ್ರೇರಕ
Dr. Jyoti Gokavi …… 88–94
ಸರ್ವಶಾಸ್ತಸಾರ ಭಗವದ್ಗೀತೆ
Dr. Prakash N. Hegde …… 95–102
सुशीला टाकभौरे के उपन्यास तुम्हें बदलना ही होगा में अभिव्यक्त सामाजिक संदर्भ
रेखा यादव …… 103–112
कश्मीरी प्रबंध साहित्य और डॉ. मिर्ज़ा मोहम्मद ज़मान आज़ुर्दा
डॉ. महादेवी पी. कणवी …… 113–114
तुलसीराम की मुर्दहिया में चित्रित दलित समाज की पृष्ठभूमि
नागेन्द्र कुमार गौतम …… 115–121
कन्नड़ भाषा के लेखक गिरीश कर्नाड
श्रीमती रश्मिनी नरेंद्र …… 122–123
समकालीन हिन्दी तथा कन्नड़ साहित्यकार ‘धरणेंद्र कुरकुरी’ : एक तुलनात्मक अध्ययन
डॉ. अनीता मोहन बेलगांवकर …… 124–128
खंड ब
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी चेतना
डॉ. कविता चांदगुडे …… 131–135
समकालीन हिन्दी कहानियों में तृतीय लिंगी उद्गार
पुरोबी अविनाश …… 136–141
समकालीन गद्य साहित्य
श्री एफ. भी. नाय्कर …… 142–143
‘ग़ालिब छुटी शराब’ संस्मरण में जीवन-दर्शन
डॉ. शीला भास्कर …… 144–146
हिंदी साहित्य में आत्मकथा साहित्य
डॉ. ई. नागरत्ना …… 147–150
समकालीन हिंदी कहानी एवं उसकी समकालीनता
डॉ. व्हि. आई. शेख …… 151–155
‘21वीं सदी का पेड़’ कहानी में वर्तमान समस्या
श्रीमती वहीदा खानम दाऊदजी …… 156–158
‘तीसरी ताली’ उपन्यास में चित्रित हिजड़ा जीवन
डॉ. रमीष एन. …… 159–164
कृष्णा सोबती जी के उपन्यासों में चित्रित नारी जीवन
संतोषमाता रामवाडगी …… 165–168
सूर्यबाला का उपन्यास ‘दीक्षांत’ : चित्रित मध्यवर्गीय जीवन
राजबीबानु एम. सन्दिमनी …… 169–173
ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಗಜಲ್ ಸಾಹಿತ್ಯ
ಡಾ. ಗೀತಾಂಜಲಿ ಎಂ. ಕುರುಡಗಿ …… 174–178
ಪರಿತ್ಯಕ್ತಿಯ ‘ಆಸರೆ’ಯ ಸ್ಪಂದನ
ಡಾ. ಸವಿತಾ ಕೊಟಬಾಗಿ …… 179–181
ಪ್ರವಾಸ ಕಥನ ‘ಅಯನ ಮತ್ತು ಜಗಲಿ’ಯಿಂದ ಜಗತ್ತು
ಕು. ಸೋಮಣ್ಣ ಗು. ಡಂಬರಮತ್ತೂರು …… 182–186
Indian’s Contribution to Contemporary English Literature
Prajwal A. Kandagal Hiremath …… 187–197
A Study of the Hindu Rites of Passage and Analysis of Their Relation to the Rituals: Tesu–Jhenjhi
Rakhi Chauhan, Dr. Govindaraju Bharadwaza …… 198–208
‘घाशीराम कोतवाल’ का हिंदी अनुवाद : अनुवादक की क्षमताएँ और भाषाशैली
डॉ. सिद्धेश्वर वि. गायकवाड …… 209–215
पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की भारत यात्रा : एक अवलोकन
सन्तोष कुमार सिंह, प्रो. सुधीर कुमार सिंह …… 216–218
Notes for Authors
पदचिन्ह (मार्च 2025)
वर्ष (Vol.)- 14 अंक (Issue) - 3
अनुक्रम
संपादकीय
डॉ. राकेश कुमार मिश्र
1. सुषम बेदी का उपन्यास विधा में योगदान
डॉ. गणेश ताराचंद खैरे – 07–11
2. रामकथा का आधुनिक साहित्य और सिनेमा पर प्रभाव
कुमार विश्वमंगल, प्रो. बीर पाल सिंह यादव – 12–21
3. समाज, साहित्य और सिनेमा
दीपिका व्यास – 22–27
4. कथानक में गौण उपस्थिति में मुखर फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' में काशीबाई…
डॉ. अर्चना शर्मा मिश्रा – 28–35
5. साहित्यिक कृतियों के फिल्म रूपांतरणों में सेंसरशिप : रचनात्मक स्वतंत्रता…
यादव आनन्दसेन रामनाथ – 36–43
6. रेणु के कथा-साहित्य की भाषा-शैली
चाँदनी कुमारी, डॉ. कविता सिन्हा – 44–48
7. भारतीय फ़िल्म लेखन में पंडित राधेश्याम कथावाचक की भूमिका
रूबी पाण्डेय, प्रो. बीर पाल सिंह यादव – 49–57
8. फिल्मों में गांधी : रूप-प्रतिरूप
डॉ. सतीश पावडे – 58–63
9. अस्तित्व में स्त्री
डॉ. आशीष कुमार – 64–69
10. हिंदी फ़िल्म ‘चुप’ में अपराध का चित्रण
आभा एस वी – 70–74
11. साहित्य, सिनेमा और सामाजिक बदलाव
डॉ. गणेश ढोबले – 75–81
12. सिनेमा, साहित्य और सामाजिक मूल्य : गांधी विचार के संदर्भ में
प्रमोद वि. वाटकर – 82–89
13. सिनेमा और साहित्य का अन्तः संबंध
डॉ. शालिनी सिंह – 90–96
14. भारतीय सिनेमा में पर्यावरण विमर्श
मिथलेश दास – 97–101
15. हिन्दी सिनेमा में लोक संस्कृति
डॉ. मल्लिका मंजरी, राजश्री कुमारी – 102–105
16. सिनेमा और समाज का अंतः संबंध
प्रो. चन्द्रकांत मिसाल – 106–112
17. सिनेमा साहित्य और मीडिया
संदीप सोनी – 113–116
18. हिन्दी साहित्य पर आधारित फिल्मों में नारी विमर्श
सुनिधि कुमारी – 117–121
19. भारतीय हिंदी सिनेमा में प्रकाश विन्यास के सौंदर्यकरण का महत्व
सुहास नगराळे – 122–126
20. साहित्य, सिनेमा और सामाजिक मूल्य
डॉ. निता उ. मेश्राम – 127–130
21. भारतीय सिनेमा में आदिवासी जीवन-चित्रण विमर्श
प्रो. गुरुदेव गांगुर्डे – 131–135
22. हिन्दी सिनेमा और हृषीकेश सुलभ के कहानी साहित्य में यौन नैतिकता का प्रश्न : एक…
इला कुमारी – 136–139
23. सिनेमा, साहित्य और रंगमंच
श्रीकांत जयसिंग देसाई – 140–146
24. सिनेमा जगत में साहित्यिक हलचल
अजय पोद्दार – 147–151
25. हिंदी सिनेमा में नायीकाओं का सफर
वैशाली शालीग्राम दाभाडे – 152–155
26. हिंदी सिनेमा के विकास का स्त्री पक्ष
सुषमा – 156–162
27. सिनेमा साहित्य में हिंदी कहानियाँ
शीतल दीपक चौगले – 163–166
28. विजयदान देथा की कहानियों का फिल्मांकन
डॉ. महेशकुमार जे. वाघेला – 167–171
29. हिंदी सिनेमा में मानवेतर प्राणियों की भूमिकाएँ
डॉ. जितेश कुमार – 172–175
30. भारतीय सिनेमा के प्रसार-प्रचार एवं व्यावसायिक सफलता…
अमोल विजय तोटे, डॉ. शशिकांत शे. रेवडे – 176–180
31. स्त्री-प्रतिरोध का अक्स : फिल्म ‘पिंक’
अमृता पी. एस – 181–184
32. हिंदीतर भाषाओं की साहित्यिक कृतियों पर आधारित सिनेमा में स्त्री…
डॉ. निर्मल सुवासिया – 185–192
33. नाटक ‘सपने हर किसी को नहीं आते’ से फ़िल्म ‘साड्डा अड्डा’ की रूपांतरण…
अमित कुमार – 193–198
34. NOTES FOR AUTHORS